प्रदूषण से बढ़ता खतरा
प्रदूषण एक अहम मुर्दा है जोे आम व्यक्ति के जीवन प्रभावित करता है
ऐसा क्या हो गया कि हमारे देश में पर्यावरण तेजी से बदतर हो रहा है अब तो इसका अंदाजा , एनवायरर्नमेंटल परफारर्मेंस इंडेक्स ( ईपीआई) की ताजा रिपोर्ट से हो जाता है कि भारत इस मामले में दुनिया के चार सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशो में शामिल है 180 देशों की इस सूची में भारत 177 वें स्थान पर आया है और दो साल पहले भारत 141 वें नंबर पर थे , दो वर्षो में 36 अंक नीचे लुढ़कना यह बताता है कि हमारी सरकार पर्यावरण को लेकर कितनी गम्भीर है इसके साथ -साथ पर्यावरण मंत्रालय के कार्य शैली पर सवाल उठना भी लाजमी है सबसे बदतर हाल दिल्ली का है जिस कारण दिल्ली में प्रदूषण के कारण, हर साल हाई- अलर्ट लगाना पड़ता है बच्चों का स्कूल बन्द कराने पड़ते है , हिन्दुओ के पवित्र त्यौहार ,दीपाली पर पटाखें ना जलाने के निर्णय लिया जाता है सवाल ये है ऐसे कदम पयार्वरण को कहां तक बचाता है ? जहाँ दिल्ली का हर व्यक्ति हर रोज चार सिगरेट के बराबर प्रदूषण ले रहा है इस कारण दमा के मरीजो कि संख्या बढ़ रही है इस का शिकार छोटे बच्चे हो रहे है जो संसार में आते ही कई बीमारियों से पीड़ित हो जाते है , उस देश का विकास कैसे हो सकता है। ? इसलिए सरकार को भी समझना जरूरी है कि विकास के साथ पर्यावरण ( प्राकृतिक संपदा )का नाश किए बिना ही विकास करना जरूरी है भारत को जर्मनी ,जापान कनाड़ा और आस्टेलिया से सबक लेना चाहिए, जो पर्यावरण और विकास दोनों को साथ साधने का कौशल दिखा रहे है इसके
के साथ साथ आम लोगो के बिना ये सम्भव नही हो सकता , सरकार को जरूरत है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कराये ।
Achha likha hai..
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