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Showing posts from February, 2018

पैडमेन मूबी रिव्यू

क्या तुम्हें भी चाहिए पैडमेन जैसा पति ? हर किसी को चाहिए।   पैडमेन जैसा  पति जो उसे समझे , प्यार करेँ  ,उस की   हर जरूरत को  अपनी जरूरत समझे , हर  चीज को समस्या ना समझ कर , औरत की शक्ति बने ,  बोलने से पहले उसकी जरूरत को समझे उसे पूरा करे , ना की  उसे अपनी औरत की जरुरते बोझिल लगे । अपनी पत्नी को दासी ना समझ कर जीवन साथी समझे , बल्कि उस का कर्तव्य है कि वो ये समझे की  हर काम छोटा बड़ा नही होता औरत जो घर का काम करती है ऑफिस जाती है  उस का मोल हम चाह कर भी नही उतार सकते , जब की लक्ष्मीकान्त अपनी पत्नी के हर काम में हाथ बटाता है  उस के साथ सब्जी काटता है , कपड़े धोता है  ना केवल घर आ कर पत्नी पर हक जमाते हुए खाना मांगता है  यहां तक की पत्नी से जुडी हर छोटी मोटी जानकारी रखता है जब की पतियों को उनके स्वास्थ्य से कोई लेना देना नही होता ,  जब उसे पता चलता है कि मासिक धर्म में 5 दिन उसकी पत्नी घर से बाहर रहेगी , वो उसका विरोध करता है ऐसी रीती रिवाज मानने को मना करता है जब की वह मात्र 8 वी कक्षा पास है  जब पत्नी को गन्दा  कपड़ा लगाते देखता है तो उसे ऐसा करने को मना करता है और बाजार से    पैड  ले

पैडमेन मूबी रिव्यू

क्या तुम्हें भी चाहिए पैडमेन जैसा पति ? हर किसी को चाहिए।   पैडमेन जैसा  पति जो उसे समझे , प्यार करेँ  ,उस की   हर जरूरत को  अपनी जरूरत समझे , हर  चीज को समस्या ना समझ कर , औरत की शक्ति बने ,  बोलने से पहले उसकी जरूरत को समझे उसे पूरा करे , ना की  उसे अपनी औरत की जरुरते बोझिल लगे । अपनी पत्नी को दासी ना समझ कर जीवन साथी समझे , बल्कि उस का कर्तव्य है कि वो ये समझे की  हर काम छोटा बड़ा नही होता औरत जो घर का काम करती है ऑफिस जाती है  उस का मोल हम चाह कर भी नही उतार सकते , जब की लक्ष्मीकान्त अपनी पत्नी के हर काम में हाथ बटाता है  उस के साथ सब्जी काटता है , कपड़े धोता है  ना केवल घर आ कर पत्नी पर हक जमाते हुए खाना मांगता है  यहां तक की पत्नी से जुडी हर छोटी मोटी जानकारी रखता है जब की पतियों को उनके स्वास्थ्य से कोई लेना देना नही होता ,  जब उसे पता चलता है कि मासिक धर्म में 5 दिन उसकी पत्नी घर से बाहर रहेगी , वो उसका विरोध करता है ऐसी रीती रिवाज मानने को मना करता है जब की वह मात्र 8 वी कक्षा पास है  जब पत्नी को गन्दा  कपड़ा लगाते देखता है तो उसे ऐसा करने को मना करता है और बाजार से    पैड  ले

प्यार करना आसान नही

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प्यार करना आसान नही भारत जैसे देश में जब कोई लड़का , लड़की प्रेम करते है वो सिर्फ प्रेम नही करते बल्कि वो एक युद्ध को बुलावा देते है क्योंकि यहां प्रेम करना आसान नही है इतिहास से ही प्रेमी अपने प्यार के लिए कुर्बान हुए है क्योंकि प्रेम पाने का नाम नही एक दूसरे के लिए मर मिटने का नाम है  यहाँ प्रेमियों पर रोमियो,बजरंग दल बना कर हमले किए जाते है यूपी ,हरियाणा ,दिल्ली में समाज अपनी झूठी इज्जत के नाम पर प्रेमियों को जिन्दा जला ,या काटवा दिया जाता है और हमारा प्रशासन  तमाशहीन बना रहता है  सवाल ये है कि क्या प्यार करना गलत है ? जो प्यार दो धर्म ( जाति)   संस्कृति को जोड़ता हो , एक दूसरे धर्म , संस्कृति के प्रति इज्जत की भावना पैदा करता हो ।एक दूसरे के धर्म को समझने का मौका देता हो , समाज को देखने का नजरिया बदलता हो ,बुरे से बुरे व्यक्ति के प्रति प्रेम की भावना पैदा करता हो, लड़ने से अपनी बात ना मनवा कर प्यार से मनवा लेना । इस के साथ - साथ समाज में दहेज , पर्दा प्रथा , लिंग भेदभाव का खत्म होना , क्योंकि जब स्त्री उसकी दासी नही , बल्कि  जीवन साथी होती , जो उसे बिना सरत मिलती है।ओर माता पिता  बे

लुभाबना बजट

लुभाबना बजट इस बार का आम बजट कुछ मायनों में खास रहा , क्योंकि यह मोदी सरकार का आने वाला भविष्य निधार्रित करेगा , समय के साथ मोदी सरकार के कार्यकाल खत्म होने को  और  सरकार अपनी सफलताओं को बताने में विफल रही , जिस तरह कि परिस्थितियां आज देश में हो रही है इसके  प्रति लोगो का गुस्सा बढ़ रहा है मोदी सरकार का विकास हो या  प्रशासन व्यवस्था चाहे ,वो राम रहीम , पद्मावत फ़िल्म के रिलीज पर हो या कासगंज।  ये सभी घटनाएं मोदी सरकार के  प्रशासन पर सवाल उठाती है जहाँ मोदी सरकार के नेता और विपक्ष चुपी सादे बैठे है। उस समय आम बजट मोदी सरकार के लिए बुटी का काम करेगा। आम बजट को पेश करते हुए आने वाले आम चुनावों का ध्यान रखा गया है सरकार 2004  अटल बिहारी वाजपयी की सरकार से सबक लेते हुए वही गलती दौहराना नही चाहती , जिस में चुनाव में किसानों और ग्रामीण छेत्रो में रहने वालों ने पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेका था । उसके बाद काग्रेस का आग्रमन हुआ ,जो दस साल चली , कांग्रेस ने भी किसानों को नजर अंदाज किया । फिर 2014 में जनता मोदी लहर का शिकार हुई - लेकिन किसान आज भी बुरे हाल में है इस बजट में सरकार ने किसानों ,ग्रा