टॉयलट

टॉयलट एक प्रेम कथा

टॉयलट एक कथा ही नही बल्कि हमारे जीवन से जुडी एक महत्वपूर्ण कड़ी है जो हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है! तथा हमारी सोच को एक नई दिशा प्रदान करती है!  जिस के माध्यम से हम अपने जीवन को स्वास्थ्य व बेहतर बना सकते है! आज भी हममें से कईयों के लिए घर में टॉयलट होना भले कोई बड़ी बात न लगती हो , लेकिन यह एक बड़ा मुदा है क्योंकि आज भी हमारे देश में 58% भारतीय खुलें में शौच के आदी हैं पर जब हम औरतो की बात करते हैं तो आप पायेंगे !की ऐसा करके वे खुश नही है! इस कारण ना जाने उन्हें किस -किस प्रकार के कष्ट झेलने पड़ते हैं शौच के माध्यम से भी औरतो पर पितृसत्तात्मक सोच थोपी जा रही हैं उन्हें शौच के लिए जाने के लिए सुबह होने से पहले व दिन ढलने के बाद ही घर से निकले की अनुमति दी जाती है ऐसा ना करने पर धर्म भ्रस्ट
होने का डर दिखाकर ! सही गलत का पाठ पढ़ाया जा जाता हैं इस का दुष्परिणाम औरतो को अपनी इज्जत गवा कर भुगतना होता है सूत्र बताते हैं कि आये दिन न्यूज़ चेन्नल और अखबारो में आ रही     वारदातो को !रात के अंधेरे में शौच के लिए जा रही महिलाओ के साथ अंजाम दिया जा रहा हैं    वहीँ  दुसरी तरफ पुरुषो ने पूरे देश को संडास( शौचालय) बना के रखा है अजीब बात है ना जहाँ एक तरफ भारत जैसे देश में औरत को पूजा जाता ,उसे घर की लक्ष्मी कहा जाता तथा समाज में इज्जत के नाम बहू , बेटी का पल्लू गिरना भी गवारा नही ! वहीँ समाज दूसरी ओर महिलाओ के साथ जानवरों से भी ज़्यादा  असंवेदनशील तरीके से पेश आया जाता है रात के अंधेरे में खेतो और खुले में जाकर शौच करने के लिए मजबूर किया जाता हैं  इस कथा के माध्यम से समाज को आईना दिखाने की कोशिश की है! इस कथा में जया ( भूमि ) औरतो के लिए एक प्रेरणा बन कर उभरी हैं जो अपनी जिद के आगे अपने पति केशव (अक्षय) की सोच के साथ - साथ अंधविश्वासी गांवो वालो की सोच बदलने में सफल हो जाती हैं जया के संघर्ष और उसके पति के साथ ने आलसी प्रशासन को हिला कर रख दिया ! बल्कि शौचालय के नाम पर तीन हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा भी किया , यह सिर्फ पढ़ी- लिखी जया की सूझ -बुझ के कारण ही  संभव हुआ और साथ में सन्देश भी दिया कि अपने बेहतर स्वास्थ व विकास के लिए हमें खुद जमीनी स्तर पर सघर्ष करना पड़ेगा !सरकार पर हर बात थोप देना गलत हैं लेकिन सरकार कि भी जिम्मेदारी है कि वह ग्रामीणों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के साथ -साथ !  उन के लिए बन रही सभी योजनाओ के बारे में उन्हें  जागरूक भी कराये ! ताकि वो सभी योजनाओ का लाभ उठा सके और ऐसे घोटालो को रोक सके ! शौचालय कि आदत वर्तमान समय कि आवश्यकता है जहाँ चारो ओर लोग वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियो से  लड़ रहे हैं वहाँ इस आदत को अपनाना अति आवश्यक हो जाता है कहते है ना जब तक समस्या अपनी ना हो , तो कोई क्यों लड़े , क्यों हल निकाले !👍

जहाँ सोच वहाँ शौचालय

इफ यू चेंज नथिंग , नथिंग विल बी चेंज 👌

पिया गोस्वामी ,नई दिल्ली

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