मैं चुप हूँ

मैं चुप हूँ  क्योंकि 
मुझे चुप रहना सिखाया गया है 
मैं चुप हूँ  क्योंकि 
मुझे इज्जत बचानी सिखाई  गई है। 
मैं चुप हूँ 
क्योंकि मुझे  अपनी सीमा में रहना सिखाया गया है 
मैं चुप हूँ 
क्योंकि मुझे रिश्तें निभाने सिखाए गए हैं।
मैं चुप हूँ क्योंकि मुझे सहना सिखाया गया है। 
मैं चुप हूँ 
क्योंकि मेरे जिस्म को ही 
मेरी आबरू बनाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि 
मुझे कमजोर ,बेसहारा , नाजुक , भोली -भाली व बेचारी  बताया  गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि मुझे 
पुरूष के अस्तित्व में रहना सिखाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि 
 मुझे 
पुरूष से डरना सिखाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि 
मुझे आज्ञा का पालन करना सिखाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि 
मुझे रोना सिखाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि 
मुझे झुकना सिखाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि मुझे 
एक अच्छी लड़की बनना सिखाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि मुझे 
 दान किया जाता है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि 
मुझे संस्कारी बनाया गया है। 
मैं चुप हूँ क्योंकि  
मुझे सिर्फ प्रेम करना सिखाया गया है।

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