मंटो एक बदनाम लेखक मंटो एक बदनाम लेखक विनोद भट्ट ध्दारा लिखी पुस्तक में । मंटो के जीवन में चले संघर्ष को पुस्तक में बहुत सरल भाषा में बताया गया है। कि किस तरह मंटो की कहानियों पर अश्लीलता का जुर्माना लगता रहता था ।तब भी मंटो ने हार न मान कर वैश्यों पर और समाज में चल रही परिस्थितियों को कहानियों के माध्यम से उजागर करता रहा। ,, उसे अश्लील लेखक की उपाधि दी गईं थी। इसके जितने पाठक नहीं उतने दुश्मन थे। जो कुछ थे ,वो समाज के डर से बाहर नहीं आ सकते थे । इस कारण था मंटो का समाज में जो घट रहा है उसे लिखना। जो देखना नहीं चाहता उसे दिखाना। किताब के कुछ दिलचस्प लाइन अगर आप मेरी कहानियां बर्दाश्त नहीं कर सकते तो मान लीजिए कि यह जमाना ना काबिले बर्दाश्त है सहनशक्ति के बाहर का, मेरे लेखन शैली में कोई बनावट नहीं है मुझे पब्लीसिटी स्टेटस पसंद नहीं ह मंटो की कुछ पंक्तियां याद आती हैं जिससे पढ़ कर लगता है कि मंटो एक ऐसा लेखक था जो अपने कहानियों के माध्यम से समाज को आईना दिखाता रहा। मंटो अपनी कहानियां में लिखी जिस पर लंबे समय तक विवाद होता रहा 1942 में लिखी कहानी काली सलवार ने उसको साह
Comments
Post a Comment