ज्ञान क्या है सोनाक्षी सिन्हा कितनी सही कितनी गलत
बेरोजगार लोगों की कहानी
ज्ञान क्या है इसे समझें पहले
किसी विषय में गहण ज्ञान रखने वाले को ज्ञानी बताया जाता है
हर व्यक्ति हर विषय में ज्ञानी नहीं हो सकता ।
अगर ऐसा होता तो सभी प्रकार के व्यक्ति हर क्षेत्र में पाए जाते
उन्हें सालों पढ़ाई करने व रिसर्च करने की आवश्यकता नहीं पढ़ती।
हर व्यक्ति की समझ एक ही विषय पर एक जैसी होती , क्योंकि उन्हें तो हर विषय का ज्ञान है लेकिन किसी एक विषय पर गहण ज्ञान नहीं है।
अगर हर कोई हर विषय पर लिख - बोल लेता तो
किसी भी विशेष रिपोर्ट का महत्व ना होता , ना ही उस विशेष व्यक्ति की किसी भी विषय पर कही गयी बातों का महत्व होता ।
महत्व तब होता है जब वो व्यक्ति
उस विषय का जानकार हो
हमारे देश को किसी अर्थशास्त्री की जरूरत नहीं होती । ना ही विदेशी सलाहकार की ।
तो फिर फेसबुक पर भी सभी हर विषय पर लिख बोल रहे होते । हर कोई कविता , शायरियां, कहानियां,तथा
राजनीति , समाजिक , आर्थिक विषयों पर लिख रहा होता ।
लेकिन ऐसा नहीं है हर व्यक्ति की पहचान उसकी किसी विषय विशेष में रुचि व ज्ञान
रखने पर होती ।
अगर ऐसा होता तो अंग्रेजी का अध्यापक संस्कृत पढ़ा रहा होता । लेकिन जिस विषय में उन्हें प्रमाणिकता प्राप्त है वो बेहतर उसी विषय में पढ़ा सकते हैं। एक उदाहरण भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर एक हिस्ट्री विषय के जानकार को बनाया गया । उसके बाद अभी तक देश की आर्थिक स्थिति देख सकते हैं आप
जरूरी नहीं होता कि हर व्यक्ति को हर विषय का ज्ञान हो
जरूरी है तो केवल
जिस विषय को वो व्यक्ति
पढ़ रहा व उसमें उसे प्रमाणिकता प्राप्त होने के साथ - साथ उसमें --उसे - दक्षता प्राप्त हो ।
ऐसे ही क्राइम न्यूज़ लिखने वाले पत्रकार को राजनीति ख़बरों की कम जानकारी होगी । वैसे ही राजनीति खबरों की जानकारी रखने वालें पत्रकार को क्राइम न्यूज़ की जानकारी कम होगी ।
अगर हर विषय का हर कोई ज्ञान रखता तो टीवी , सेमिनार व अन्य कार्यक्रमों में उस विषय के जुड़े व्यक्तिओं
को ना बुला कर किसी को भी बुला लिया जाता । तब ना ही
उस व्यक्ति के बोलें गए शब्दों का महत्व होगा
ना ही उस कार्यक्रम में आपकों जाने व देखने की कोई उत्सुकता होगी ।
जरूरी ये है कि जिस क्षेत्र में वह व्यक्ति काम कर रहा है उसे पूरी ईमानदारी से निभाए
मैं खुद कभी उन विषयों पर नहीं लिखती जिसका मुझे ज्ञान नहीं होता ।
मैं केवल महिलाओं के मुद्दों पर लिखती हूँ क्योंकि मैं उस विषय को पढ़ती - लिखती व जीती हूँ।
लेकिन मुझे धर्म - जात और गोत्र की कोई जानकारी नहीं है ।
क्या मैं भी अनपढ़ हूँ ?
मुझे आती है तो प्यार की भाषा
जो व्यक्ति - व्यक्ति से प्यार करना सिखाए।
जो लोग सुनाक्षी सिन्हा का मजाक बना रहे हैं वो सुने क्या आप को
अपने विषय के इतर दूसरे विषय का ज्ञान है ?
नहीं ना
वो एक अभिनेत्री का भूमिका बखूबी निभाती आ रही है जो कि उनका काम है इसके इतर आप को क्या लेना देना ।
लेकिन तब भी आप बोलीगे की अपने धर्म के बारे इतनी छोटी सी बात की जानकारी तो होनी चाहिए ।
क्या एक व्यक्ति की पहचान उसके धर्म व जात व गोत्र से होती है?
उसका काम उसकी पहचान नहीं ?
वो उसका व्यक्तिगत मामला है कि किस विषय में ज्ञान रखे या नहीं ।
आप किसी पर अपनी व्यक्तिगत मानसिकता थोप नहीं सकते ।
ना ही उसका मजाक बना सकते है
ये घटिया मानसिकता आप की तभी बन सकती है
जब आप सामने वाले की बराबरी नहीं कर पाते है
तो
उसे जलील करने का बहाना ढूढते रहते हैं।
धार्मिक लोग पोस्ट से दूर रहें
(मैं सोनाक्षी का मजाक बना कर वाहवाही लूट सकती थी
आपकी चहिती बन सकती थी।
लेकिन सही का साथ देना ही निष्पक्षता है।
आप खुल कर मेरा विरोध कर सकते
क्योंकि मुझे फर्क नहीं पड़ता )
Comments
Post a Comment